महाकुंभ खत्म होने के बाद भी आईआईटी बाबा (IIT Baba) चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में उनके एक टीवी डिबेट में किए गए बर्ताव और फिर जयपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। इसी बीच, मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Ji Maharaj) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह ऐसे बाबाओं की पोल खोलते नजर आ रहे हैं, जो खुद को संत बताकर केवल प्रसिद्धि और धन अर्जित करने में लगे रहते हैं।
यह वीडियो आते ही इंटरनेट पर छा गया, और लोग इसे आईआईटी बाबा से जोड़कर देख रहे हैं। तो आइए जानते हैं, आखिर क्या कहा संत प्रेमानंद महाराज ने, जिससे IIT Baba जैसे बाबाओं की असलियत सामने आ गई।
प्रेमानंद महाराज का वीडियो क्यों हुआ वायरल?
प्रेमानंद महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वे न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी अपने प्रवचनों और आध्यात्मिक विचारों के लिए मशहूर हैं। उनके सत्संग को सुनने हजारों लोग आते हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी बड़ी फॉलोइंग है।
हाल ही में एक सत्संग के दौरान एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से एक अहम सवाल किया – क्या कोई व्यक्ति बिना गुरु के संत बन सकता है? इस पर महाराज ने जो जवाब दिया, उसने सबको हैरान कर दिया और अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
संत बनने के लिए क्या जरूरी है?
प्रेमानंद महाराज ने कहा,
“कोई भी केवल दाढ़ी बढ़ाकर और वेशभूषा बदलकर संत नहीं बन सकता। जो लोग ऐसा करते हैं, वे सिर्फ प्रसिद्धि और ऐशो-आराम के लिए यह सब करते हैं। ऐसे बाबाओं को असली संत नहीं कहा जा सकता।”
उन्होंने यह भी कहा कि सच्चे संत बनने के लिए तीन प्रमुख चीजों पर विजय प्राप्त करनी होती है –
- पुत्रेषणा (संतान की चाहत)
- वित्तेषणा (धन की चाहत)
- लोकेषणा (नाम और प्रसिद्धि की चाहत)
जो व्यक्ति इन तीन इच्छाओं को पूरी तरह त्याग देता है, वही सच्चा संत कहलाने का अधिकारी होता है।
IIT Baba का विवाद क्या है?
IIT Baba, जिनका असली नाम अभय सिंह है, हाल ही में तब चर्चा में आए जब उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान एक संत पर गरम चाय फेंक दी। इसके बाद जयपुर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस को उनके पास गांजा भी मिला था। हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर IIT Baba की कड़ी आलोचना होने लगी। लोग उन्हें ड्रामेबाज बाबा और नकली संत कहकर ट्रोल करने लगे। इसी बीच प्रेमानंद महाराज का यह बयान वायरल हो गया, जिससे लोग इसे सीधे आईआईटी बाबा से जोड़ने लगे।
कैसे पहचानें असली और नकली संत?
जब प्रेमानंद महाराज से पूछा गया कि सच्चे संत और नकली संत में कैसे फर्क किया जाए? तो उन्होंने बहुत ही सरल शब्दों में समझाया –
“सच्चे संत को पहचानना आसान है। असली संत को न धन की जरूरत होती है, न नाम की, न स्त्री सुख की। उनके जीवन में कोई छल-कपट नहीं होता। वे केवल समाज के भले के लिए काम करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा –
“अगर कोई व्यक्ति संत बनकर सिर्फ प्रसिद्धि पाने या अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए काम कर रहा है, तो वह नकली संत है।”
लोगों ने इस बयान को सीधे IIT Baba से जोड़ दिया और सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना शुरू कर दी।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। कुछ प्रमुख कमेंट्स इस प्रकार थे –
- “प्रेमानंद महाराज ने तो IIT Baba की पूरी पोल खोल दी!”
- “आजकल सोशल मीडिया वाले बाबाओं से बचकर रहना चाहिए।”
- “संत का असली रूप प्रेमानंद महाराज जैसे लोग दिखाते हैं।”
लोगों ने इस वीडियो को लाखों बार देखा और हजारों ने इसे शेयर किया।
IIT Baba के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
IIT Baba की गिरफ्तारी के बाद जयपुर पुलिस ने जानकारी दी कि उनके पास से 1.5 ग्राम गांजा बरामद हुआ था। हालांकि, यह मात्रा कम होने के कारण उन्हें जल्द ही जमानत मिल गई।
पुलिस ने बताया कि IIT Baba सोशल मीडिया पर लाइव आकर आत्महत्या की धमकी दे रहे थे। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्हें होटल से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह पूरी घटना बताती है कि सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए लोग किस हद तक जा सकते हैं।
निष्कर्ष: नकली बाबाओं से रहें सतर्क!
IIT Baba का विवाद एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग साधु-संत का चोला पहनकर समाज को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, प्रेमानंद महाराज जैसे सच्चे संत ऐसे ढोंगियों की पोल खोलने से पीछे नहीं हटते।
आज के समय में हमें यह समझना जरूरी है कि असली संत वही हैं जो धन, नाम और सांसारिक इच्छाओं से मुक्त हों। किसी के लंबे बाल, भगवा वस्त्र या बड़ी-बड़ी बातें उसे संत नहीं बनातीं, बल्कि उसके कर्म उसे महान बनाते हैं।