अभिनेत्री यामी गौतम ने हाल ही में न्यूज एजेंसी आईएएनएस से अपने विचार साझा करते हुए बताया कि क्यों उन्होंने बड़े बजट की फिल्मों को अपने करियर से दूर रखने का निर्णय लिया। इस फैसले के पीछे उनका मजबूत सिद्धांत है – कंटेंट-ड्रिवेन सिनेमा।
सोच-समझकर लिया निर्णय
यामी ने स्पष्ट किया कि हर प्रोजेक्ट का चुनाव सोच-समझकर किया जाता है। बड़े बजट की फिल्मों में अक्सर स्क्रिप्ट या कहानी की गहराई कम देखने को मिलती है, जिसके चलते उन्हें उन प्रोजेक्ट्स को ठुकराने का फैसला करना पड़ता है। उन्होंने स्वीकार किया कि कई बार अच्छी स्क्रिप्ट की कमी ने उन्हें किसी बड़े प्रोजेक्ट को अस्वीकार करने पर मजबूर कर दिया। हालांकि, इस निर्णय के पीछे उनके व्यक्तिगत और पेशेवर अनुभवों का मिश्रण है – वे उन्हीं प्रोजेक्ट्स के प्रति आभार महसूस करती हैं, जिनसे वह जुड़ पाईं और जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया।
कला और कहानी से जुड़ाव
यामी गौतम का मानना है कि असली पहचान एक अभिनेता की कहानी से जुड़ाव में निहित होती है। उन्होंने कहा, “मैं उस कहानी के साथ जुड़ती हूँ जो मेरे दिल को छू जाए।” उनके अनुसार, चाहे स्क्रिप्ट उन्हें उत्साहित करे या चुनौती दे, हर रोल का चुनाव उनके नॉलेज, अनुभव और आत्म-विश्लेषण पर आधारित होता है। वह ऐसी भूमिकाओं की तलाश में रहती हैं जो उन्हें अपनी सीमाओं को चुनौती देने का अवसर दें और उनके अभिनय कौशल को नई ऊँचाइयों तक ले जाएं।
दर्शकों के प्रति कृतज्ञता
अपने निर्णयों के साथ-साथ यामी ने दर्शकों के समर्थन और प्रशंसा के लिए भी आभार व्यक्त किया। उनका मानना है कि दर्शक हमेशा उनके काम की गहराई और सच्चाई को सराहते हैं, न कि केवल फिल्म के पैमाने को। इस दृष्टिकोण से, वह मानती हैं कि सच्ची कला वही है जो कहानी, भावनाओं और संवाद के माध्यम से दर्शकों के दिलों में उतर जाए।
हालिया प्रोजेक्ट: ‘धूम धाम’
वर्कफ्रंट में हाल ही में दिखाई दी फिल्म ‘धूम धाम’ में यामी गौतम ने एक संस्कारी और सुशील कोयल चड्ढा की भूमिका निभाई। इस रोमांटिक-कॉमेडी में प्रतीक गांधी के साथ उनकी केमिस्ट्री ने दर्शकों को खूब भाया। नेटफ्लिक्स पर 14 फरवरी 2025 को रिलीज हुई इस फिल्म ने उनके कंटेंट-ड्रिवेन सिनेमा के सिद्धांत को एक बार फिर साबित कर दिया कि जब कहानी में दम हो, तो बजट की अहमियत पीछे छूट जाती है।
निष्कर्ष
यामी गौतम का यह कदम दर्शाता है कि एक सच्चे कलाकार के लिए केवल बड़े बजट या स्टार कास्ट से ज्यादा महत्व कहानी और अभिनय की गुणवत्ता होती है। उनके निर्णय में पेशेवर समझदारी और व्यक्तिगत प्रतिबद्धता झलकती है, जो उन्हें उनके प्रशंसकों के बीच और भी प्रिय बनाती है। कंटेंट की प्राथमिकता रखने वाले इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि सिनेमा का असली जादू बजट में नहीं, बल्कि कहानी में छिपा होता है।